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A. What is Ram & Rom
computer में Ram और इंटरनल स्टोरेज दोनों computer के मुख्य भाग होते हैं। कंप्यूटर के यह दोनों भाग अलग-अलग कार्यों को संपन्न करते हैं।
1. Ram क्या होती है
Ram का पूरा नाम रेंडम एक्सेस मेमोरी होता है। यह तब काम करती है। जब आप अपने computer को ऑन करते हैं। RAM की माध्यम से जब आप computer को शुरू करते हैं। तब से लेकर कंप्यूटर को बंद करने तक का जितना डेटा रहता है। वह computer बंद करने के पश्चात डिलीट हो जाता है। मतलब दूसरे शब्दों में ऐसे कह सकते हैं, कि जब आप computer को चलाते हैं। तब RAM के माध्यम से आपके data को सेव रखा जाता है। उसके पश्चात आपको अपना data सेव रखने के लिए उस data को इंटरनल स्टोरेज में सेव करना होगा।
2. Rom क्या होती है
रोम का पूरा नाम रीड ओनली मेमोरी होता है। इस मेमोरी को कंप्यूटर की प्राइमरी मेमोरी इंटरनल स्टोरेज भी कहा जाता है। यह मेमोरी जिसके माध्यम से आपके computer का data स्थाई रूप से सेव रहता है। computer द्वारा जो इंफॉर्मेशन आप इस्तेमाल करते हैं। उस इंफॉर्मेशन की संपूर्ण जानकारी इस मेमोरी में सेव रहती है़। इसके अलावा इस मेमोरी में आपके एप्लीकेशन का बैकअप,म्यूजिक,गेम,फोटोस और अन्य data भी सेव रहते हैं।
3. Difference Between Ram & Rom
- Ram का पूरा नाम रेंडम एक्सेस मेमोरी होता है। लेकिन रोम का पूरा नाम रीड ओनली मेमोरी होता है।
- रोम की माध्यम से आपके data को स्थाई रूप से सेव किया जाता है। जबकि दूसरी तरफ Ram जिसके माध्यम से आपका कंप्यूटर चालू होता है,तब तक data सेव रहता है। computer ऑफ होते ही सारा data मिट जाता है।
- RAM की स्पीड बहुत अधिक होती है। जबकि Rom की स्पीड RAM की तुलना में कम होती है
- RAM की कीमत ज्यादा होती है। ROM की कीमत कम होती है।
- ROM इंटरनल स्टोरेज जो data को स्थाई रूप से सेव रखता है। लेकिन RAM जो आपके द्वारा डाले गए input को CPU तक पहुंचाता है।
B. What Is Computer Virus
Computer Virus एक छोटा Software program है। जिसके माध्यम से computer के द्वारा ऑपरेट किए गए data को डिलीट करने और उस data को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है। कंप्यूटर वायरस हमारे system को कई बार इतना खराब कर देता है। उसके पश्चात उस system को समझना और वापस ठीक करना काफी मुश्किल हो जाता है। जब computer का आविष्कार किया गया, तब computer oprating system के साथ-साथ इस प्रोग्राम का भी आविष्कार किया गया। हालांकि इस प्रोग्राम का आविष्कार कंप्यूटर के फायदों के लिए किया गया था। लेकिन इसका अंजाम उल्टा हो गया।
C. What Is Computer Network
जब किसी भी माध्यम से 1 से अधिक Computer एक साथ जोड़े जाते हैं। तो उस प्रकार के system को computer network कहा जाता है। कई प्रकार के ऐसे विभाग है, जहां पर एक से अधिक Computer एक ही कार्य को संपन्न करने के लिए जोड़े जाते हैं। computer को एक दूसरे से कनेक्ट करने के लिए वायर केबल की आवश्यकता होती है और इसके अलावा व्यक्ति Wairless माध्यम से जैसे:-Bluetooth , सेटेलाइट इत्यादि का उपयोग करके भी एक कंप्यूटर को दूसरे Computer से जोड़ सकता है।
computer network जिसमें दो या दो से अधिक computer device उनका समूह होता है। जिसके द्वारा हम किसी भी कम्युनिकेशन कार्य को संपन्न करते हैं।
D. What Is Computer Data
computer में जितने भी दस्तावेज, फोटोस,वीडियो इत्यादि सेव होते हैं। उन्हें data कहां जाता है। कंप्यूटर के data को हम Character की मदद से भी भी Present कर सकते हैं। जैसे:- अल्फाबेट हो या Numerical हो या स्पेशल करैक्टर हो इन सभी को हम data कह सकते हैं। computer data का सीधा सा मतलब यह है, कि computer में जो जानकारी सेव है। वह computer data कहलाता है। computer data एक रिप्रेजेंटेशन होता है। जो Fact, Concept और introduction के आधार पर उपलब्ध होता है। कम्युनिकेशन और processing के लिए इंसान को electronic मशीन के द्वारा data को रिप्रेजेंट करना पड़ता है।
E. What Is Computer Language
जिस प्रकार से हर देश की अलग भाषा होती है और हर राज्य की अलग भाषा होती है। उसी प्रकार से Computer की भी एक अलग भाषा होती है। जिसे Programming language लैंग्वेज कहते हैं। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखना बहुत जरूरी होता है।क्योंकि कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की आवश्यकता हर जगह पड़ती है।
Computer की Programming language में Numerical को अलग रखा जाता है,लेटर को अलग रखा जाता है और इस स्पेशल सिंबल को अलग रखा जाता है। इन तीनों को मिलाकर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का निर्माण होता है।
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है।
- निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज
- मशीनी भाषा
- असेंबली भाषा
What is Computer Booting
जब आप अपने computer को स्टार्ट करते हैं। तब computer के स्टार्ट करने से लेकर computer की ओपन होने तक की प्रक्रिया को computer में Booting Process के नाम से जाना जाता है। जब भी कोई व्यक्ति अपने computer को स्टार्ट करता है। तो उसे Bios के द्वारा computer निरक्षण किया जाता है और उसके पश्चात पता लगाया जाता है,कि कंप्यूटर के मदरबोर्ड से कौन-कौन से उपकरण जुड़े हुए हैं। इसके अलावा सभी उपकरण की जांच की जाती है। इस प्रक्रिया को ही Boot कहा जाता है
computer की पोस्ट की प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात Bios द्वारा की प्रक्रिया को शुरू कि जाती है। बूट की प्रक्रिया में सबसे पहले Booting device को सर्च किया जाता है। सबसे पहले First Boot device उसके पश्चात Second Boot device और बाद में Thrid Boot device खोजा जाता है। यदि बूट device नहीं मिलता है। तो Other Boot Device खोजा जाता है।
